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7 Jun 2023 · 1 min read

सावन ने खोले पट अपने

सावन ने खोले पट अपने
मेघों ने डेरा है डाला ,
घुमड़ घुमड़ कर दे दी आहट ,
बरस उठा वो घन मतवाला ।

भीगे हैं वन ,भीगे उपवन
भीग उठा वसुधा का कण कण।
भीगे आँगन ,भीगे कानन
भीग उठा मानव का तन मन ।।

भीगी नारी , भीगे नर
भीग रहे सभी बाल वृंद ।
मेघ ऋतु का रूप निराला
छाया ज्यों यौवन मतवाला ।

डाॅ रीता सिंह
चन्दौसी सम्भल

Language: Hindi
2 Likes · 1 Comment · 297 Views
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