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10 Aug 2024 · 1 min read

सावन (दोहे)

सावन आया झूम के,नाचे मन का मोर
सजनी सँग झूलें सजन,थाम प्रीत की डोर

मैके की जब याद में, भीगें नैनन कोर
सम्बन्धों की डोर तब, खींचे अपनी ओर

वर देना गौरा हमें, बना रहे सिंदूर
हमको अपने प्यार से,कभी न रखना दूर

मौसम की दीवानगी, लाई है बरसात
मतवाली लगती हवा,मेघों से कर बात

सावन में जब भी मिले, शिव गौरा का प्यार
करता है मन में सतत,भक्ति का संचार

झूलों में कजरी सजे, बागों में मल्हार
सावन में होता मुखर ,इन दोनों का प्यार

डॉ अर्चना गुप्ता
10.08.2024

Language: Hindi
1 Like · 30 Views
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