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10 Jun 2021 · 1 min read

सावन दिखा दिया

उलझन में था दिमाग ,की अपना नहीं है कौन,
ठोकर लगा के उसने ,अपनापन दिखा दिया।
आंखों में जम गयी थी ,गलतफहमीयों की धूल,
सब साफ हो गया ,जब उसने सावन दिखा दिया।
– सिद्धार्थ पाण्डेय

Language: Hindi
3 Likes · 393 Views
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