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4 Feb 2017 · 1 min read

सावन को आने दो

तुझे गीतों में ढा लूँगा , सावन को आने दो,

भाई जब तक सावन नहीं आएगा
तो क्या गीत, नहीं बनाया जाएगा
अगर इतना बरस गया सावन
तो वो बाढ़ में नहीं , बह जाएगा

जो करना है सो आज कर
कल के भरोसे का एतबार न कर
यहाँ कब तूफ़ान आ जाये
आज ही क्यों न वो मुकाम कर

जिन्दा दफ़न हो जाती है जिन्दगीयाँ
गीतों के लिए सावन कम पड़ेगा
आज सुबह उठ, कागज कलम पकड़
जो चाहे गीता, उस को अभी सरोकार कर

अजीत कुमार तलवार
मेरठ

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 239 Views
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