सावन की झड़ी
आज फिर से झड़ी लग गई,
सावन के मेघदूतो की,
रिमझिम बारिश की बूँदों की,
व्याकुलता प्यास बुझाने को,
नेत्रों की गली से बच गई ।
आज फिर से झड़ी……।
चेहरे पर मुस्कुराहट की,
नदियों में गुनगुनाहट की ,
खेतों में लह-लहाहट की ,
ठंडी पवन बयार यह कह गई ।
आज फिर से झड़ी …..।।
पक्षियों की चहचहाहट की ,
बिजली की चम-चमाहट की,
बच्चों के खिल-खिलाहट की,
अकाल को बेहाल कर गई ।
आज फिर से झड़ी ……..।।।
#बुद्ध प्रकाश
#मौदहा हमीरपुर ।