हो सावन की मदमस्त घटा तुम
हो सावन की मदमस्त घटा तुम
आ जाओ मेरे आँगन झुमेंगे नाचेंगे हम !
नींद चुराने वाली
सपनो में आने वाली
महकी पुरवा हो तुम
जुबाँ मेरी गा रही
तेरी चाहत की धुन ….
हो सावन की मदमस्त घटा तुम
आ जाओ मेरे आँगन झुमेंगे नाचेंगे हम !!
हँसते हैं,रोते हैं
तुझे याद करके अब
दिल हो जाता हैं बेचैन
आती नही हो नज़र जब तुम ….
हो सावन की मदमस्त घटा तुम
आ जाओ मेरे आँगन झुमेंगे नाचेंगे हम !!
मैं दीवाना हू तेरा बचपन से
न तड़पाओ ऐसे इस कदर मेरे यार
कि हैं तुम्हारी वर्षो से इंतज़ार
सहा हैं दर्द मैने हजार ….
हो सावन की मदमस्त घटा तुम
आ जाओ मेरे आँगन झुमेँगे नाचेंगे हम !!
दिल की दुरियाँ मिटा दो नजदिक आके
यकिन कर लो सिर्फ तुमसे हैं प्यार
उम्रभर रहेंगे बनके साया तुम्हारी
तुमसे बिछड़ के मर जायेंगे यार ….
हो सावन की मदमस्त घटा तुम
आ जाओ मेरे आँगन झुमेंगे नाचेंगे हम !!
पास आओ दिल चुराओ
दामन थामो न
तुझे देख मुस्कुरायेंगे हम
तेरी आचल मे छुप जायेंगे हम ….
हो सावन की मदमस्त घटा तुम
आ जाओ मेरे आँगन झुमेंगे नाचेंगे हम !!!