साल जो बदला है
क्या तुम भी बदले हो
क्या मैं भी बदला हूं
साल जो बदला है
क्या हाल भी बदला है
क्या तेरी मेरी मानसिकता का
क्या स्तर भी बदला है
भूख, गरीबी बदहाली का
क्या मंज़र भी बदला है
गंदी नदियां, गंदे नाले
क्या सड़कों का
हाल भी बदला है
मारे-मारे सड़कों पे फ़िरते
नंगे भूखे, लाचार, अभागे
क्या कुछ इनमें बदला है
आपसी घृणा, नफ़रत का
क्या माहौल भी बदला है.
डाॅ फौज़िया नसीम शाद