साली आधी घरवाली (हास्य/व्यंग)
मेरी कलम से….✍
एक शौहर को जब ये
पता चला कि,
साली तो होती है आधी
घरवाली।
तो मन में लड्डू फूटे और,
छायी गालों पर लाली।।
लेकिन ससुराल में थे बस
काले काले,
सिर्फ आधा दर्जन साले।
जिसे आधी घरवाली कह
पाता,
बस वही तो नहीं थी एक
भी साली।।
फिर क्या था उसने दूसरे
शौहर को भी,
गौर से ये बात बता दी
मतवाली।।
साली आधी घरवाली के
चक्कर में,
उसके घर में ही महाभारत
करवा डाली।।
अब शौहर बीवी के झगड़े
से जूझ रहा है,
साली आधी घरवाली की
पहेली बूझ रहा है।
इस चक्रव्यूह से निकलने के
लिए,
उसे कोई रास्ता नहीं सूझ
रहा है।।
संजय गुप्ता।