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4 Sep 2019 · 1 min read

सारवती छंद

शारद मातु दया करिए ,..शीषहुँ धूलि पगा धरिए !
बुद्धि सुबुद्धि मती करिए,छंद कवित्त कमी हरिए !!

लेखनि मातु विराज सदा,अक्षर भाव भरो शुभदा !
छंद सरस्वति गूढ महा,…मंद मती हम मूढ महा !!
रमेश शर्मा.

Language: Hindi
2 Likes · 494 Views
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