सामान सौ बरस का पल की खबर नहीं
सामान सौ बरस का, पल की खबर नहीं
कितना मगशूल दुनिया में, रब की खबर नहीं
न नेक राह न नेकियां, दीने असर नहीं
कितना खुदगर्ज है बंदा, खुदा का भी डर नहीं
क्या दोजख क्या जन्नत, क्या दुनिया का मेला है
नहीं कोई साथ जाएगा, तुझे जाना अकेला है
न संजीदगी न बंदगी, न फर्जे अदायगी है
बंदे इस फानी दुनिया में, खुदा की खबर नहीं