सामाजिक न्याय के लिए
वे आंख के
अंधे बेहतर हैं
अक्ल के
इन अंधों से!
आजिज़
आ चुके हैं हम
इनके उल्टे-
पुल्टे धंधों से!!
भगतसिंह और
आम्बेडकर
अगर तुरन्त
एक नहीं हुए!
तो बचना
नामुमकिन है
इस देश का
इनके फंदों से!!
Shekhar Chandra Mitra
वे आंख के
अंधे बेहतर हैं
अक्ल के
इन अंधों से!
आजिज़
आ चुके हैं हम
इनके उल्टे-
पुल्टे धंधों से!!
भगतसिंह और
आम्बेडकर
अगर तुरन्त
एक नहीं हुए!
तो बचना
नामुमकिन है
इस देश का
इनके फंदों से!!
Shekhar Chandra Mitra