*सामयिक मुक्तक*
#मुक्तक_का_मन्तव्य-
ऐसा कोई संकट नहीं, जिसका निदान व समाधान प्रभु श्रीराम के जीवन चरित्र या श्री रामचरित मानस में न हो। फिर समस्या चाहे अलगाव की हो, आतंक की या उन्माद की। बस, इसी भाव से प्रेरित है आज का सांकेतिक मुक्तक।
“सागर ठाठे मार रहा है,
विनय करो ना धीर धरो।
अपने राघव बता गए हैं,
धनुष उठाओ तीर धरो।।”
[प्रणय प्रभात]
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