सामयिक दोहे
राजनीति में हर जगह, हावी है अब स्वार्थ,
तुम हमको,हम तुम्हें दें,क्या यह है परमार्थ.
कार्य समीक्षा कर रहे,आत्म प्रशंसा गान,
पाया कितना बीच में, इसका करो बखान.
राजनीति में हर जगह, हावी है अब स्वार्थ,
तुम हमको,हम तुम्हें दें,क्या यह है परमार्थ.
कार्य समीक्षा कर रहे,आत्म प्रशंसा गान,
पाया कितना बीच में, इसका करो बखान.