सादगी
मोहताज
होती नहीं
सादगी
तारीफों की
सादगी
एक मिसाल है
कर्मठ
इन्सान की
सादा जीवन
जी कर
इन्सान पहुँचता है
बुलंदियों पर
कलाम, शास्त्री
जैसे इन्सान है
एक मिसाल
बिना दिखावे के
इन्सान दिखता है
खूबसूरत
चेहरे को सजाना
तो
एक फरेब है
एक धोखा है
असलियत जब
आती है सामने
दोमुहे इन्सान की
तब खुलती पोल है
सादगी है
बहू का
श्रृंगार
सादगी है
संस्कारों की
पहचान
सादगी से
जीना सीखो
इन्सान
जीवन-पथ होगा
आसान
लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल