सादगी के गहने
सादगी के गहने से अपनी जिंदगी सवार लेते
पर ये हो ना सका ।
मन मे जमी मैं की खुरचन
करुणा और प्रेम से अधिक मोटी हो गयी है ।
घरों की छत किसकी ऊँची
इस बात की होड़ लगी है
पर जमीन ,जमीन दर जमीन नीची होती जा रही है।
सादगी के गहने से अपनी जिंदगी सवार लेते
पर ये हो ना सका ।
मन मे जमी मैं की खुरचन
करुणा और प्रेम से अधिक मोटी हो गयी है ।
घरों की छत किसकी ऊँची
इस बात की होड़ लगी है
पर जमीन ,जमीन दर जमीन नीची होती जा रही है।