Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Jul 2022 · 1 min read

*सात शेर*

सात शेर
_________________________
कुरेदे जख्म थे उस तीसरे ने बीच में पड़‌कर
हमारे रिश्ते तो वरना कभी के ठीक हो जाते

अभी भी वक्त हैं आकर गिले-शिकवे मिटा जाओ
बची हैं चार साँसे सिर्फ, इनका भी भरोसा क्या

कल के बारे में अभी सोचना क्या
कल तक तो आसमान फट भी सकता है

काँच में बाल भी पड़ा तो फिर
काँच की कोई कीमत नहीं रहती

बड़ा दिखने के चक्कर में मुसीबत मोल ले ली है
हमारे खर्च वरना आमद‌नियों से कहीं कम थे

इस शहर में मैं किसी को क्या बताऊंगा
यहाँ सभी को पता है, सही-गलत क्या है

हमेशा एक ही रफ्तार से जीवन नहीं चलता
सभी की जिन्दगी में एक अनहोनी भी होती है
_______________________
रचयिता :रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा रामपुर उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451

Language: Hindi
Tag: शेर
171 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
दादाजी ने कहा था
दादाजी ने कहा था
Shashi Mahajan
झरोखों से झांकती ज़िंदगी
झरोखों से झांकती ज़िंदगी
Rachana
बदलने लगते है लोगो के हाव भाव जब।
बदलने लगते है लोगो के हाव भाव जब।
Rj Anand Prajapati
4899.*पूर्णिका*
4899.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
“मेरे जीवन साथी”
“मेरे जीवन साथी”
DrLakshman Jha Parimal
Dear Cupid,
Dear Cupid,
Vedha Singh
बस में भीड़ भरे या भेड़। ड्राइवर को क्या फ़र्क़ पड़ता है। उसकी अप
बस में भीड़ भरे या भेड़। ड्राइवर को क्या फ़र्क़ पड़ता है। उसकी अप
*प्रणय*
किया आप Tea लवर हो?
किया आप Tea लवर हो?
Urmil Suman(श्री)
मैं
मैं
Dr.Pratibha Prakash
पापा गये कहाँ तुम ?
पापा गये कहाँ तुम ?
Surya Barman
..#कल मैने एक किताब पढ़ी
..#कल मैने एक किताब पढ़ी
Vishal Prajapati
प्रकृति! तेरे हैं अथाह उपकार
प्रकृति! तेरे हैं अथाह उपकार
ruby kumari
अच्छी लगती झूठ की,
अच्छी लगती झूठ की,
sushil sarna
घर और घर की याद
घर और घर की याद
डॉ० रोहित कौशिक
शिगाफ़ तो भरे नहीं, लिहाफ़ चढ़  गया मगर
शिगाफ़ तो भरे नहीं, लिहाफ़ चढ़ गया मगर
Shweta Soni
घृणा प्रेम की अनुपस्थिति है बस जागरूकता के साथ रूपांतरण करना
घृणा प्रेम की अनुपस्थिति है बस जागरूकता के साथ रूपांतरण करना
Ravikesh Jha
वक्त (प्रेरणादायक कविता):- सलमान सूर्य
वक्त (प्रेरणादायक कविता):- सलमान सूर्य
Salman Surya
🇮🇳मेरा देश भारत🇮🇳
🇮🇳मेरा देश भारत🇮🇳
Dr. Vaishali Verma
भारतीय ग्रंथों में लिखा है- “गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुर
भारतीय ग्रंथों में लिखा है- “गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुर
डॉ. उमेशचन्द्र सिरसवारी
শিবের গান
শিবের গান
Arghyadeep Chakraborty
बाण मां रा दोहा
बाण मां रा दोहा
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
बोलता इतिहास 🙏
बोलता इतिहास 🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
लहरों ने टूटी कश्ती को कमतर समझ लिया
लहरों ने टूटी कश्ती को कमतर समझ लिया
अंसार एटवी
"तो देख"
Dr. Kishan tandon kranti
भ्रष्टाचार
भ्रष्टाचार
Juhi Grover
अपने आप से भी नाराज रहने की कोई वजह होती है,
अपने आप से भी नाराज रहने की कोई वजह होती है,
goutam shaw
रात नहीं सपने बदलते हैं,
रात नहीं सपने बदलते हैं,
Ranjeet kumar patre
स्वर्गीय लक्ष्मी नारायण पांडेय निर्झर की पुस्तक 'सुरसरि गंगे
स्वर्गीय लक्ष्मी नारायण पांडेय निर्झर की पुस्तक 'सुरसरि गंगे
Ravi Prakash
हिरख दी तंदे नें में कदे बनेआ गें नेई तुगी
हिरख दी तंदे नें में कदे बनेआ गें नेई तुगी
Neelam Kumari
जिंदगी में आपका वक्त आपका ये  भ्रम दूर करेगा  उसे आपको तकलीफ
जिंदगी में आपका वक्त आपका ये भ्रम दूर करेगा उसे आपको तकलीफ
पूर्वार्थ
Loading...