Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Feb 2017 · 2 min read

***सात फेरों के सातों वचन ***अटूट बंधन***

??????

***सात फेरों के सातों वचन ***अटूट बंधन***

*नहीं पूर्ण जिसके बिना
मानव जीवन संपूर्ण ।
वैदिक संस्कृति के अनुसार
विवाह ही है परिपूर्ण ।

*जिसके अर्थ में छिपा है
विशेष उत्तरदायित्व का स्वरूप ।
महत्वपूर्ण जिसका निर्वहन करना है
पति-पत्नी दोनों को जीवन में जरूर ।

*विवाह है पति पत्नी के बीच
जन्म-जन्मांतरों का साथ ।
अग्नि के सात फेरों से मजबूत
हो जाता है दोनों का अटूट विश्वास ।

*सात फेरों के बाद ही
शादी की रसम पूरी होती है ।
यही साथ विवाह की स्थिरता की
मुख्य कड़ी होती है ।

*पहले वचन में कन्या
वर से वचन ले लेती है ।
मुझे अकेला तुम न कभी छोड़ोगे
हर सफ़र में अपने संग लोगे तुम ।

*व्रत-उपवास ,यज्ञ,अनुष्ठान
अन्य धर्म कार्य जो भी करोगे आप ।
अपने वाम भाग में
अवश्य स्थान देंगे मुझे हमेशा आप ।

*दूसरे वचन में करती है
वह यह माँग हक से ।
अपने माता-पिता के साथ-साथ
मेरे माता-पिता को भी वही सम्मान दोगे
मन वचन और कर्म से ।

*तीसरे वचन में यह वचन माँगती है ।
हर पल जीवन में तुम
मेरे साथ हमेशा रहोगे ।
जीवन की तीनों अवस्थाओं में
पालनहार मेरे तुम बने रहोगे ।

*चौथे वचन में परिवार की जिम्मेदारी की बात
कही जाती है।
विवाह बंधन में बँधते ही
परिवार की समस्त आवश्यक्ताओं की पूर्ति
आपसे ही पूर्ण होती है ।

*पाँचवें वचन में लेती है
कन्या यह वचन वर से ।
किसी भी कार्य से पूर्व
लेनी होगी मेरी मंत्रणा तुम्हें अवश्य से ।

*छठे वचन में अपने
सम्मान की बात वह करती है ।
करोगे नहीं अपमानित मुझे
किसी के भी सम्मुख वचन लेती है ।

*दुर्व्यसनों में फँसकर
गृहस्थ जीवन नहीं करोगे नष्ट ।
कभी कटु वचन नहीं कहेगो
यह वचन भरवा लेती है ।

*अंतिम वचन में अपने भविष्य को
सुरक्षित रखने का प्रयास करती है ।
पराई स्त्री आकर्षण में पगभ्रष्ट न होंगे
यह वचन ले लेती है ।

*इन सातों वचनों के बाद
विवाह संपूर्ण हो जाता है ।
पति-पत्नी का साथ
पूर्ण अटूट हो जाता है ।

*जिसको तोड़ न पाती
जीवन की कोई आँधी है ।
दोनों साथ रहते जैसे
दीपक और बाती है ।

*जो इन वचनों की
महत्वता को समझ जाता है ।
एक दूसरे के साथ वह
जीवन मंगलमय बनाता है ।

*जो इन वचनों को
निरर्थक समझता है ।
उनका संपूर्ण जीवन
कलह के तिमिर में बिखरता है ।

*स्त्री और पुरुष
गाड़ी के दो पहिए हैं ।
जो जीवनपर्यंत गाड़ी का
बोझ वहन करते हैं ।

*एक पहिया भी अगर
भ्रमित होता है ।
पूरी गाड़ी (परिवार)
पर असर होता है ।

*विवाह है एक ऐसी
अटूट और मजबूत डोर आज तक ।
जो बाँधे रखती है पूरे परिवार को
पीढ़ी दर पीढ़ी तक ।

Language: Hindi
3591 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मै अपवाद कवि अभी जीवित हूं
मै अपवाद कवि अभी जीवित हूं
प्रेमदास वसु सुरेखा
*होली के रंग ,हाथी दादा के संग*
*होली के रंग ,हाथी दादा के संग*
Ravi Prakash
💐प्रेम कौतुक-342💐
💐प्रेम कौतुक-342💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
कुछ अलग लिखते हैं। ।।।
कुछ अलग लिखते हैं। ।।।
Tarang Shukla
पहचान
पहचान
Seema gupta,Alwar
"आए हैं ऋतुराज"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
खजुराहो
खजुराहो
Paramita Sarangi
20-चेहरा हर सच बता नहीं देता
20-चेहरा हर सच बता नहीं देता
Ajay Kumar Vimal
“मृदुलता”
“मृदुलता”
DrLakshman Jha Parimal
तू आ पास पहलू में मेरे।
तू आ पास पहलू में मेरे।
Taj Mohammad
बेनाम जिन्दगी थी फिर क्यूँ नाम दे दिया।
बेनाम जिन्दगी थी फिर क्यूँ नाम दे दिया।
Rajesh Tiwari
अंबेडकर की रक्तहीन क्रांति
अंबेडकर की रक्तहीन क्रांति
Shekhar Chandra Mitra
*चुप रहने की आदत है*
*चुप रहने की आदत है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
स्थाई- कहो सुनो और गुनों
स्थाई- कहो सुनो और गुनों
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
छोड़ गया था ना तू, तो अब क्यू आया है
छोड़ गया था ना तू, तो अब क्यू आया है
Kumar lalit
मैं तो महज एक माँ हूँ
मैं तो महज एक माँ हूँ
VINOD CHAUHAN
मन चाहे कुछ कहना....!
मन चाहे कुछ कहना....!
Kanchan Khanna
◆ कीजिए अमल आज से।
◆ कीजिए अमल आज से।
*Author प्रणय प्रभात*
2786. *पूर्णिका*
2786. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कुछ नही मिलता आसानी से,
कुछ नही मिलता आसानी से,
manjula chauhan
*देखो ऋतु आई वसंत*
*देखो ऋतु आई वसंत*
Dr. Priya Gupta
नई जगह ढूँढ लो
नई जगह ढूँढ लो
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
शरद पूर्णिमा की देती हूंँ बधाई, हर घर में खुशियांँ चांँदनी स
शरद पूर्णिमा की देती हूंँ बधाई, हर घर में खुशियांँ चांँदनी स
Neerja Sharma
फितरत................एक आदत
फितरत................एक आदत
Neeraj Agarwal
जिस आँगन में बिटिया चहके।
जिस आँगन में बिटिया चहके।
लक्ष्मी सिंह
अनसोई कविता...........
अनसोई कविता...........
sushil sarna
कुछ बात थी
कुछ बात थी
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
हमारा फ़र्ज
हमारा फ़र्ज
Rajni kapoor
बाखुदा ये जो अदाकारी है
बाखुदा ये जो अदाकारी है
Shweta Soni
मुझे अपनी दुल्हन तुम्हें नहीं बनाना है
मुझे अपनी दुल्हन तुम्हें नहीं बनाना है
gurudeenverma198
Loading...