*सात जन्म के लिए तुम्हारा, मिला साथ आभार (गीत)*
सात जन्म के लिए तुम्हारा, मिला साथ आभार (गीत)
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सात जन्म के लिए तुम्हारा, मिला साथ आभार
1)
तुमसे ही सब राग-रंग हैं, तुमसे खुशियॉं पाईं
जीवन में छह ऋतुओं जैसी, महक-महक तुम आईं
चले सात पग प्रतिदिन हम-तुम, यह जीवन का सार
2)
बिना तुम्हारे सुख-दुख सारे, कैसे कहो मनाते
जहॉं धूप तपती मिलती तो, छॉंव तुम्हीं से पाते
हाथ पकड़ कर चलीं कर दिया, जीवन का उद्धार
3)
साथ कभी होटल में चलकर, केक काटते-खाते
कभी सुनहरे दिन को हम तुम, घर पर सहज मनाते
तुम संबल थी अस्पताल में, जब भी मैं बीमार
सात जन्म के लिए तुम्हारा, मिला साथ आभार
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा (निकट मिस्टन गंज), रामपुर ,उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451