साठ वर्ष का (कुंडलिया)
साठ वर्ष का (कुंडलिया)
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साठ वर्ष का जो हुआ , समझो गुण की खान
उम्र यही उत्तम हुई , असली यह विज्ञान
असली यह विज्ञान , अनुभवों से भर जाता
दुनियादारी ज्ञान , चौगुना भीतर पाता
कहते रवि कविराय , विषय यह बड़े हर्ष का
रखे स्वास्थ्य बस ठीक,हुआ जो साठ वर्ष का
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रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99 97 61 5451