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25 Feb 2022 · 1 min read

साठ के पार यार क्या करना।

ग़ज़ल

2122…….1212……22(112)
साठ के पार यार क्या करना।
फिर से इक बार प्यार क्या करना।

जिसने देखा न मेरी चाहत को,
उसका फिर इंतजार क्या करना।

जो गवारा न हो किसी को भी,
बात वो नागवार क्या करना।

जिसकी नज़रों से खुद हुए घायल,
उस पे नज़रों से वार क्या करना।

जो जगा दे पुराना दर्द मेरा,
यार ऐसी बहार क्या करना।

आंखों आंखों में बात गर न बने
बेवज़ह आंखें चार क्या करना।

प्रेम बारिश में भीग जा प्रेमी,
प्रेम की हो फुहार क्या करना।

…….✍️ प्रेमी

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