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Santosh Shrivastava
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4 May 2019 · 1 min read
साजिश
न जाने
कैसी
साज़िश
रची
बादलों ने,
जिनके
घर
कच्चे थे
वहीँ
घनघोर
बरसात हुई
Language:
Hindi
Tag:
मुक्तक
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