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26 Nov 2020 · 1 min read

साजन संग

झुकी पलकें
बिखरी है अलकें
चाँद सा मुख।

मृगनयनी
पिया संग सजनी
खुशी अपार।

गौरे कपोल
अंग-अंग सुडौल
माथे चुम्बन।

बाहों का घेरा
दिलों में है बसेरा
अर्पण तन।

साथ पिया का
जैसे सांस जिया का
रिश्ता अटूट।

~अशोक बैरवा

Language: Hindi
1 Like · 516 Views
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