“ साजन तेरे साथ रहूँगी “
“ साजन तेरे साथ रहूँगी “
डॉ लक्ष्मण झा “ परिमल “
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याद बहुत तुम आते हो ,नींदों में हमें सताते हो !
चोरीचोरी चुपकेचुपके ,मेरे सपनों में आ जाते हो !!
याद बहुत तुम आते हो ,नींदों में हमें सताते हो !
चोरीचोरी चुपकेचुपके ,मेरे सपनों में आ जाते हो !!
नजरों से ही हम बात करें ,
बिन छूए हम एहसास करें !
आँख मिचोली कर कर के ,
सपनों में भी हम दूर रहें !!
जब सपने टूट जातें हैं ,तुम ओझल हो जाते हो !
चोरीचोरी चुपकेचुपके ,मेरे सपनों में आ जाते हो !!
याद बहुत तुम आते हो ,नींदों में हमें सताते हो !
चोरीचोरी चुपकेचुपके ,मेरे सपनों में आ जाते हो !!
पता नहीं तुम कब आओगे ,
किस्मत मेरी चमकाओगे !
नयनों से मेरे आँसू बहते हैं ,
उसको कैसे तुम रुकवाओगे !!
सबके साजन साथ रहे ,तुम तो छोड़ चले जाते हो !
चोरीचोरी चुपके चुपके ,मेरे सपनों में आ जाते हो !!
याद बहुत तुम आते हो, नींदों में हमें सताते हो !
चोरीचोरी चुपकेचुपके ,मेरे सपनों में आ जाते हो !!
साथ निभाना है तो निभाओ ,
प्यार का कोई राग सुनाओ !
सपनों में आना तुम छोड़ो ,
सात जनम का साथ निभाओ !!
हम तो अब तेरे साथ रहेंगे जहाँ जहाँ तुम रहते हो !
चोरीचोरी चुपकेचुपके ,मेरे सपनों में आ जाते हो !!
याद बहुत तुम आते हो ,नींदों में हमें सताते हो !
चोरीचोरी चुपकेचुपके ,मेरे सपनों में आ जाते हो !!
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डॉ लक्ष्मण झा ” परिमल ”
साउंड हेल्थ क्लिनिक
डॉक्टर’स लेन
दुमका
झारखंड
भारत