साजन के संग सावन का
ग़ज़ल
गुज़रा वो ज़माना याद आया मुझे साजन के संग सावन का
हर लम्हा पुराना याद आया मुझे साजन के संग सावन का
झूले पे झुलाना याद आया मुझे साजन के संग सावन का
वो गीत सुनाना याद आया मुझे साजन के संग सावन का
वो नींद चुराना याद आया मुझे साजन के संग सावन का
रातों को सताना याद आया मुझे साजन के संग सावन का
ज़ुल्फ़ों से रिझाना याद आया मुझे साजन के संग सावन का
ख़ुद पर इतराना याद आया मुझे साजन के संग सावन का
बाहों में समाना याद आया मुझे साजन के संग सावन का
वो प्यार जताना याद आया मुझे साजन के संग सावन का
बिस्तर बन जाना याद आया मुझे साजन के संग सावन का
उल्फ़त का लुटाना याद आया मुझे साजन के संग सावन का
खुशियों का तराना याद आया मुझे साजन के संग सावन का
बीता वो फ़साना याद आया मुझे साजन के संग सावन का
© डॉ० प्रतिभा माही