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20 Feb 2024 · 1 min read

सागर

सागर देखो कितना गहरा।
फिर भी है ये ठहरा-ठहरा।।

मोती मिलते हैं अनमोल।
मोती जिसमें मिलते गोल।।

इतना पानी कहां से लाता।
ये तो हमको समझ न आता।।

दिखता है ये कितना प्यारा।
फिर भी है ये कितना खारा।।

आती है एकदम से लहरें।
दूर तलक ये जाकर ठहरें।।

विजय बेशर्म

Language: Hindi
115 Views
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