#सागरलंघन शेष अभी
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★ #सागरलंघन शेष अभी ! ★
मैला होने लगा वितस्तानीर
धू धू जलने लगा कश्मीर
इक मानवद्रोही कुटिल शरीर
हरने को लपका माँ का चीर
चमकी हिंद की फिर शमशीर
कब तक सहते मस्तकपीर
सत्य अहिंसा शांति प्रथम प्रयास
हीरासुत नरेन्द्रदामोदरदास . . . . . !
हिमलिंग चहुँओर अनलप्राचीर
बेटों से विलगे मात भवानीखीर
कश्यपतपोभूमि भारी भीर
अवाक् कल्हण हुए अधीर
व्याधजाल में फँस गया कीर
खडग संभाली तव रणवीर
श्वान शृगाल भये गर्दभदास
हीरासुत नरेन्द्रदामोदरदास . . . . . !
अवनत यवन प्रदेश सभी
पाताललोक म्लेच्छ क्लेश सभी
उलूकवंदनस्थगनकार्य विशेष अभी
बुढ़ाते सुग्गों का शालाप्रवेश अभी
मंजन अँजन कटिबंधन शेष अभी
उठा नरनाहर सागरलंघन शेष अभी
खिले स्कर्दू करगिल द्रास
हीरासुत नरेन्द्रदामोदरदास . . . . . !
जंडोली गुपिया किश्तवाड़ बड़गाम
राजौरी रामजीनी सिल्बू पहलगाम
डेहरी कम्पास डोडा हयूसे ग्राम
सुबह के बिछुड़े मिलेंगे शाम
मुक्तिपर्व समीप गिलगित बलतितधाम
केशनोचन कापुरुषों का शेष काम
बिखरता केशरक्यारी हास
हीरासुत नरेन्द्रदामोदरदास . . . . . !
और ऊँचे उठते चिनार देवदार
खसमीर सोहे त्रिकुटा पंजालहार
झूठ कपट बंद हुआ व्यापार
आचार्यशंकर उच्चरित प्रेमफुहार
धरतीपुत्र करें वंदन बारम्बार
ज्यों जुग बीते हुआ उद्धार
तपस्विनीतप फलित खिला उजास
हीरासुत नरेन्द्रदामोदरदास . . . . . !
~ २२-८-२०१९ ~
#वेदप्रकाश लाम्बा
यमुनानगर (हरियाणा)
९४६६०-१७३१२