Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Sep 2018 · 2 min read

साक्षरता

नफ़रत ,गुरवत और अशिक्षा शत्रु हैं इंसान के।???
चलो आज सब दीप जलाएं प्रेम और सद्ज्ञान के।????
बिन शिक्षा जीवन अंधियारा,
ज्ञान दीप से हो उजियारा।???
कहते आए बुजुर्ग यह अक्सर,
बिन शिक्षा नर पशु से बढ़ कर।???
शिक्षा से हो जाते दर्शन घर बैठे भगवान के।????????
चलो आज—-
आज ये झगड़े,खून खराबा भाई-भाई पर करता वार।
चारों ओर नफ़रत की ज्वाला और झुलसता रहता प्यार।
मां-बहनों की आंख के आंसू मां गंगा रहे अपना अधिकार।
दुल्हन की चूड़ियां हैं बिलखती जीवन बना है उनका भार।
आओ मिटादें भेदभाव सब दिल से हर इंसान के। ???
पढ़ें लिखे एक साथ पर्याय से गौरी , रजिया और मेहनाज।
राम-श्याम , इरफान मनिंदर कोई न रह जाए अंजान।
पढ़ें लिखकर हर कृषक श्रमिक बन जाए माटी की शान।
गुरवंत मिट जाएगी तत्क्षण भारत भूमि रत्न निधन।
शिक्षा से ही शत्रु मिटेंगे धर्म और ईमान के।
चलो आज—
भारत के मंदिर में चल ज्योति जलाएं ज्ञान की।
धरती पर खुशहाली होगी झूमेंगी फसलें प्यार की।
तोड़ सकेंगे शिक्षा शस्त्र से द्वेष की बंजर दीवार भी।
छीन सकेंगे जमींदार से पढ़कर निज अधिकार भी।
रेखा चलो हर जन को पर्याय वह अक्सर ज्ञान दें।
नफ़रत गुरवत और अशिक्षा शत्रु हैं इंसान के।
चलो आज सब दीप जलाएं प्रेम और सद्ज्ञान के।??????
विश्व साक्षरता दिवस के अवसर पर संकल्प भेंट रेखा रानी प्रधानाध्यापिका पूर्व माध्यमिक विद्यालय गजरौला वि०-क्षे०-गजरौला जनपद-अमरोहा ।नफ़रत ,गुरवत और अशिक्षा शत्रु हैं इंसान के।???
चलो आज सब दीप जलाएं प्रेम और सद्ज्ञान के।????
बिन शिक्षा जीवन अंधियारा,
ज्ञान दीप से हो उजियारा।???
कहते आए बुजुर्ग यह अक्सर,
बिन शिक्षा नर पशु से बढ़ कर।???
शिक्षा से हो जाते दर्शन घर बैठे भगवान के।????????
चलो आज—-
आज ये झगड़े,खून खराबा भाई-भाई पर करता वार।
चारों ओर नफ़रत की ज्वाला और झुलसता रहता प्यार।
मां-बहनों की आंख के आंसू मां गंगा रहे अपना अधिकार।
दुल्हन की चूड़ियां हैं बिलखती जीवन बना है उनका भार।
आओ मिटादें भेदभाव सब दिल से हर इंसान के। ???
पढ़ें लिखे एक साथ पर्याय से गौरी , रजिया और मेहनाज।
राम-श्याम , इरफान मनिंदर कोई न रह जाए अंजान।
पढ़ें लिखकर हर कृषक श्रमिक बन जाए माटी की शान।
गुरवंत मिट जाएगी तत्क्षण भारत भूमि रत्न निधन।
शिक्षा से ही शत्रु मिटेंगे धर्म और ईमान के।
चलो आज—
भारत के मंदिर में चल ज्योति जलाएं ज्ञान की।
धरती पर खुशहाली होगी झूमेंगी फसलें प्यार की।
तोड़ सकेंगे शिक्षा शस्त्र से द्वेष की बंजर दीवार भी।
छीन सकेंगे जमींदार से पढ़कर निज अधिकार भी।
रेखा चलो हर जन को पर्याय वह अक्सर ज्ञान दें।
नफ़रत गुरवत और अशिक्षा शत्रु हैं इंसान के।
चलो आज सब दीप जलाएं प्रेम और सद्ज्ञान के।??????
विश्व साक्षरता दिवस के अवसर पर संकल्प भेंट रेखा रानी प्रधानाध्यापिका पूर्व माध्यमिक विद्यालय गजरौला वि०-क्षे०-गजरौला जनपद-अमरोहा ।

Language: Hindi
3 Likes · 502 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

दिल लगाकर उससे, हम कौन हैं, ये हमीं भूल गए,
दिल लगाकर उससे, हम कौन हैं, ये हमीं भूल गए,
Shikha Mishra
#मिट्टी की मूरतें
#मिट्टी की मूरतें
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
4111.💐 *पूर्णिका* 💐
4111.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
शर्मिंदगी झेलनी पड़ती है दोस्तों यहां पर,
शर्मिंदगी झेलनी पड़ती है दोस्तों यहां पर,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
दुर्दशा
दुर्दशा
RAMESH Kumar
पिता का साथ
पिता का साथ
Seema gupta,Alwar
" गम "
Dr. Kishan tandon kranti
"सुप्रभात "
Yogendra Chaturwedi
शिकायत करें भी तो किससे करें हम ?
शिकायत करें भी तो किससे करें हम ?
Manju sagar
परम्परा को मत छोडो
परम्परा को मत छोडो
Dinesh Kumar Gangwar
संगीत का महत्व
संगीत का महत्व
Neeraj Agarwal
ना कल की फिकर
ना कल की फिकर
Kanchan Alok Malu
वृंदावन की कुंज गलियां
वृंदावन की कुंज गलियां
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
मन डूब गया
मन डूब गया
Kshma Urmila
घनाक्षरी
घनाक्षरी
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
- तेरे नाम यह जिंदगानी कर जाऊ -
- तेरे नाम यह जिंदगानी कर जाऊ -
bharat gehlot
"पथ प्रिय रघुनंदन का"
राकेश चौरसिया
ज़िंदगानी
ज़िंदगानी
Shyam Sundar Subramanian
ओ आदम! तू चल आहिस्ता।
ओ आदम! तू चल आहिस्ता।
पंकज परिंदा
हमारी शाम में ज़िक्र ए बहार था ही नहीं
हमारी शाम में ज़िक्र ए बहार था ही नहीं
Kaushal Kishor Bhatt
श्रंगार के वियोगी कवि श्री मुन्नू लाल शर्मा और उनकी पुस्तक
श्रंगार के वियोगी कवि श्री मुन्नू लाल शर्मा और उनकी पुस्तक " जिंदगी के मोड़ पर " : एक अध्ययन
Ravi Prakash
एक सरल प्रेम की वो कहानी हो तुम– गीत
एक सरल प्रेम की वो कहानी हो तुम– गीत
Abhishek Soni
बात के हो जादूगर इस अदा से उल्फत है ।
बात के हो जादूगर इस अदा से उल्फत है ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
भक्ति छंद- जन्माष्टमी
भक्ति छंद- जन्माष्टमी
डॉ. शिव लहरी
तुमसे मिलके
तुमसे मिलके
Mamta Rani
हमें सुहाता जाड़ा
हमें सुहाता जाड़ा
श्रीकृष्ण शुक्ल
जाने कहाँ से उड़ती-उड़ती चिड़िया आ बैठी
जाने कहाँ से उड़ती-उड़ती चिड़िया आ बैठी
Shweta Soni
..
..
*प्रणय*
अगर आपको जीवन मे सुख, आंनद, शांति चाहिये तो कभी आप श्मशान घा
अगर आपको जीवन मे सुख, आंनद, शांति चाहिये तो कभी आप श्मशान घा
रुपेश कुमार
माँ
माँ
Nitesh Shah
Loading...