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15 Jun 2023 · 1 min read

*साइकिल (बाल कविता)*

साइकिल (बाल कविता)

चलो साइकिल मित्र चलाऍं
मगर किसी से न टकराऍं
दौड़ सड़क पर नहीं लगाना
चोट लगेगी वरना खाना
बचपन से ही इसको सीखें
सदा स्वस्थ जीवन-भर दीखें

रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451

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