सांझ होने को आयी……..
सांझ होने को आयी अब तुम आ जाओ
मेरे नैनन की प्यास को बुझा जाओ।
दिन रैन तेरे याद में बैठा हूं श्याम,
अपनी बंशी की एक धुन मुझे सुना जाओ।
आंखे तरस रही है तेरे दीदार को
मिलने की आशा को मत ठुकराओ
सांझ होने को आयी अब तुम आ जाओ
मेरे नैनन की प्यास को बुझा जाओ।।
दुनिया की खुशी वीरान लगे मुझे
थोड़ी खुशी तुम भी जरा दे जाओ,
आंखे तरस रही है तेरे दीदार को
मिलने की आशा को मत ठुकराओ।।
सांझ होने को आयी अब तुम आ जाओ
मेरे नैनन की प्यास को बुझा जाओ।।
(मेरे द्वारा कुछ तुच्छ शब्दों से कृष्ण रूपी परमात्मा का आवाह्न। )
:– बिमल रजक