# सांग /किस्सा – महात्मा बुद्ध # अनुक्रमांक-19 # घोर-घटा सामण का महिना, आए तीज त्योहार, बाग जनाना प्रदेशी, हाम झुलण आली नार ।। टेक ।।
# सांग /किस्सा – महात्मा बुद्ध # अनुक्रमांक-19 # जवाब – यशोधरा का ।
घोर-घटा सामण का महिना, आए तीज त्योहार,
बाग जनाना प्रदेशी, हाम झुलण आली नार ।। टेक ।।
म्हारे बाग की कीमत, 5 अरब और 25 करोड़ सै,
48 लाख और 20 हजार मै, नित का ऐ तोड़ सै,
5 कम संकल्प, 5 कम विकल्प, 100 का जोड़ सै,
इसका अर्थ लगावणीया, मेरे सिर का मोड़ सै,
लावै जोड़ तेरे किसे, माणस की हामनै दरकार ।।
नौ दरवाजे, 10 पहरे पै, 4 दिखाई दे,
5-25 का मेल घणा, परिवार दिखाई दे,
हूर नाचती गावै, राग-मल्हार दिखाई दे,
मैन गेट मै दो झांकी, संसार दिखाई दे,
खुड़कै तार दिखाई दे, जा खबर उड़ै हर बार ।।
एक म्हारे बाग मै शिशमहल, कदे ना देख्या भाला,
56 बुर्ज, 57 डयोढ़ी, एक बरसाती नाला,
5 होल, 10 डण्डे, कमंद कै एक पैड़काला,
9 नाड़ी, 10 द्वार, कोठड़ी 72, एक ताला,
गंदा नाला एक तरफ नै, बहै पवित्र धार ।।
इतणी बात सुणी लड़के नै, ध्यान हो गया,
दिया जवाब यशोधरा नै भी, ज्ञान हो गया,
राजेराम दोनों का प्रेम, समान हो गया,
सत, रज, तम तै पैदा, जिहान हो गया,
भगवान हो गया, भक्तों का भी करणीया बेड़ा पार ।।