साँझ
सूरज डूबा जिसकी ख़ातिर
वो एक पहेली है l
इंतज़ार कर रही रात का
साँझ अकेली है l
भागदौड़ के किसी तरह
दिन तो गुज़र गया ,
थकी निग़ाहों में बोझिल
नींद अलबेली है l
सूरज डूबा जिसकी ख़ातिर
वो एक पहेली है l
इंतज़ार कर रही रात का
साँझ अकेली है l
भागदौड़ के किसी तरह
दिन तो गुज़र गया ,
थकी निग़ाहों में बोझिल
नींद अलबेली है l