सही कदम
यदि रचियता है कोई महान गणतिज्ञ
तो मैं कैसे मान लूँ
मेरे सही काम
मुझे ले जायेंगे
गलत मंजिलों पर
यह और बात है कि
सत्य और असत्य
के बीच कि पीड़ा
होती है बड़ी भयावह
और हम
थक जाते हैं
अपनी ही रचना प्रक्रिया में।
—शशि महाजन
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