Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Oct 2016 · 2 min read

सहिये इस चाबुक की मार…वीर छंद (आल्हा)

वीर छंद (आल्हा)

संविधान में सबको शिक्षा, औ समानता का अधिकार.
तब क्यों अगड़े पिछड़े बाँटे, आरक्षण की बहे बयार..

क्रायटेरिया से जो ऊपर, जनरल बनकर हुए प्रमोट.
हैं अयोग्य जो नीचे वाले, चयनित होते वे ही खोट..

अनुसूचित को मिले मलाई, पिछड़े सारे खांय पनीर.
जनरल का जल रहा कलेजा, साथ घोंप दी है शमशीर..

अनुसंधानिक जिसमें जज्बा, मन में है सेवा की चाह.
जनरल की वह प्रतिभा कुंठित, चुनती आज विदेशी राह..

आरक्षण निर्द्वन्द नाचता. नेतागण इसके सरताज.
सारे जनपद दरकिनार कर, सिर्फ सैफई चमके आज..

चमक रहा प्रिय नाम इटावा, जगमग मैनपुरी है यार.
क्षेत्रवाद औ जातिवाद के, सहिये इस चाबुक की मार..

बाँट बाँट के राज्य करें वे, सबको आज रहे भरमाय.
केवल वोटों के चक्कर में, आरक्षण को पाले जांय..

आरक्षित से क्योंकर दूरी, है विश्वास अगर कुछ शेष.
नेताजी अब निज इलाज हित, उड़कर जाना नहीं विदेश..

चयन नहीं हो पाया जिसका, आरक्षण ने मारी मार.
फाँसी पर कुंठित हो लटकी, वही बालिका नाजुक नार..

माफ़ कीजिए हमको पापा, नंबर सौ में सौ थे आज.
बेटी मैं सामान्य वर्ग की, तभी गिरा दी मुझ पर गाज..

एन० सी० सी० की कैडेट मैं थी, अनुशासन में था विश्वास.
यद्यपि गुण अधिकारी के थे, तब भी असफल, चयनित ख़ास..

मजबूरी में फाँसी झूली, सरिता लिखे सुसाइड नोट.
हत्यारी सरकार हमारी, आरक्षण सिस्टम की खोट..

लागू अंग्रेजों के द्वारा, अनुगामी अपनाते लीक..
फूट डालकर राज्य करो बस, आरक्षण ऐसी तकनीक..

चुभा रहा विषदंत हमें ही, औ अयोग्य को दे उपहार.
मणि आभूषित सर्प सरीखा, हत्यारा आरक्षण, मार..

मिला बढ़ावा आज नक़ल को, मेरिट से है जिसका मेल.
चयन परीक्षा ही हो लागू, ख़त्म करें ये कुत्सित खेल.

कहते पिछड़े गए दबाये, तभी हुआ आरक्षण प्राप्त.
अर्धशतक से ज्यादह बीता, इतना अवसर है पर्याप्त..

मुकाबले में ठहरें बेहतर, उनमें भरें आत्मविश्वास.
पिछड़ों को दें सुविधा कोचिंग, फीस किताबें फ्री आवास..

मानवता यदि शेष अभी कुछ, चाहें बेहतर बने समाज.
है अभिशाप और अति घातक, ख़त्म करें आरक्षण आज..

–इंजी० अम्बरीष श्रीवास्तव ‘अम्बर’

Language: Hindi
282 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बाण मां सूं अरदास
बाण मां सूं अरदास
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
मीठे बोल
मीठे बोल
DR ARUN KUMAR SHASTRI
कर सत्य की खोज
कर सत्य की खोज
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
मै नर्मदा हूं
मै नर्मदा हूं
Kumud Srivastava
आदमी
आदमी
अखिलेश 'अखिल'
"आशिकी ने"
Dr. Kishan tandon kranti
शस्त्र संधान
शस्त्र संधान
Ravi Shukla
*चटकू मटकू (बाल कविता)*
*चटकू मटकू (बाल कविता)*
Ravi Prakash
"लौटा दो मेरे दिल की क़िताब को यूँहीं बिना पढ़े"
Mamta Gupta
विषय सूची
विषय सूची
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
कहीं से गुलशन तो कहीं से रौशनी आई
कहीं से गुलशन तो कहीं से रौशनी आई
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
G
G
*प्रणय*
धर्म की खिचड़ी
धर्म की खिचड़ी
विनोद सिल्ला
"सुप्रभात"
Yogendra Chaturwedi
गजब हुआ जो बाम पर,
गजब हुआ जो बाम पर,
sushil sarna
श्री राम मंदिर
श्री राम मंदिर
Mukesh Kumar Sonkar
हे गर्भवती !
हे गर्भवती !
Akash Yadav
घमंड
घमंड
Adha Deshwal
2801. *पूर्णिका*
2801. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
उड़ान
उड़ान
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
दोहा छंद
दोहा छंद
Seema Garg
चांद तारों ने कहकशां  लिख दी ,
चांद तारों ने कहकशां लिख दी ,
Neelofar Khan
इश्क़
इश्क़
शिवम "सहज"
वो मेरी पाज़ेब की झंकार से बीमार है
वो मेरी पाज़ेब की झंकार से बीमार है
Meenakshi Masoom
मरने से ज्यादा खौफ़नाक होता है भुला दिया जाना...
मरने से ज्यादा खौफ़नाक होता है भुला दिया जाना...
पूर्वार्थ
अस्थिर मन
अस्थिर मन
Dr fauzia Naseem shad
गरिमा
गरिमा
इंजी. संजय श्रीवास्तव
हर एक सब का हिसाब कोंन रक्खे...
हर एक सब का हिसाब कोंन रक्खे...
कवि दीपक बवेजा
मैं देता उनको साधुवाद जो निज कर्तव्य निभाते
मैं देता उनको साधुवाद जो निज कर्तव्य निभाते
महेश चन्द्र त्रिपाठी
एहसान फ़रामोश
एहसान फ़रामोश
Dr. Rajeev Jain
Loading...