सहम मत जाना
सहम मत जाना, रहम बख्शना,
जब शब्द न बचे सत्ता के पास.
विरोध का सामना करने को साहस,
पहले जहर उगलते है बातों से.
फिर अंजाम, इल्ज़ाम भी पर झोली में,
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विरोध को विदेशी कहने वालों,
मजदूर किसानों को कमजोर करने वालों,
सरकारी संपत्ति का विनिवेश करने वालों,
विरोध खत्म नहीं होगा, विद्रोह होगा,
जन जन जाग चुका है,
तुम्हारे मंसूबों पर पानी फेरा जायेगा.