सहन करो या दफन करो
सहन करो या दफन करो
या करो आवाज बुलंद ?
दुनिया के अराजकता से
करना हो आत्म सम्मान की रक्षा
छूना है अगर बुलंदी को
पाना है मंजिल को
तो फिर करो आवाज बुलंद
कहता है इतिहास बार बार।
तपस्या से मिलता है ऊर्जा
कठोर रास्ता मुश्किल सफर
बांध लो अपनी कमर
इतिहार गवाह है ,
नही कुछ भी आसान
कहता है इतिहास बार बार
करो आवाज बुलंद ।
गौतम साव