सहजता
जीवन सहज सरल है, तुम बोझ न बढ़ाओ।
बस राम नाम जपकर, आगे कदम बढ़ाओ।।
बस राम नाम लेकर, हनुमत समुद्र लांघे।
बिन राम नाम के तो, तुलसी थे बस अभागे।।
नल नील छोड़े पत्थर, बस राम नाम लेकर।
है राम नाम पावन,पत्थर भी तैरा जल पर।।
रावण की उस सभा में, अंगद ने दी चुनौती।
विश्वास नाम का था, राक्षस हुए पनौती।।
डरना नहीं किसी से, न भव से तुम घबराओ।
बस राम नाम जपकर, जीवन सरल बनाओ।।