सहचार्य संभूत रस = किसी के साथ रहते रहते आपको उनसे प्रेम हो
सहचार्य संभूत रस = किसी के साथ रहते रहते आपको उनसे प्रेम हो जाना।
(आचार्य राम चंद्र शुक्ल जी ने यह रस बनाया)
सहचार्य संभूत रस = किसी के साथ रहते रहते आपको उनसे प्रेम हो जाना।
(आचार्य राम चंद्र शुक्ल जी ने यह रस बनाया)