*सहकारी युग हिंदी साप्ताहिक के प्रारंभिक पंद्रह वर्ष*
सहकारी युग हिंदी साप्ताहिक के प्रारंभिक पंद्रह वर्ष
🪴🪴🪴🪴🪴🪴🪴🪴
लेखक : रवि प्रकाश
🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂
समस्त सामग्री फेसबुक/ साहित्यपीडिया पर उपलब्ध है।
🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃
एक गहन शोध कार्य जिसमें वर्ष-वार सहकारी युग की फाइलों का अध्ययन करते हुए विभिन्न गतिविधियों, विचारों और प्रवृत्तियों का विश्लेषण तथा विवरण प्रस्तुत किया गया है।
15 अगस्त 1959 में रामपुर उत्तर प्रदेश से महेंद्र प्रसाद गुप्त द्वारा शुरू किए गए इस अखबार ने पचास से अधिक वर्ष तक हिंदी साहित्य-विचार संसार को आलोकित किया। वर्ष 54, अंक 4, 4 फरवरी 2013 का सहकारी युग इन पंक्तियों के लेखक के पास है। महेंद्र जी की साफ सुथरी भाषा, साहित्यिक अभिरुचि, निर्भीक चिंतन और निर्लोभी प्रवृत्ति के कारण देश के साप्ताहिक पत्रों में इसने एक अलग पहचान बना ली । विष्णु प्रभाकर, डॉ. उर्मिलेश, डॉ. कुॅंअर बेचैन आदि भारत के शीर्ष साहित्यकार इस पत्र के साथ निरंतर जुड़े रहे। क्रांतिकारी मन्मथ नाथ गुप्त को अतिथि संपादक के रूप में प्राप्त करने का गौरव पत्र को प्राप्त है।