Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Jun 2021 · 1 min read

140. जिंदगी का सवेरा

जिंदगी से काफी तन्हा हूँ मैं,
नादान नहीं पर शायद अभी नन्हा हूँ मैं ।
शाम रात तो रोज होता है मेरी जिंदगी में,
पर सवेरा कब होगा मेरी जिंदगी का,
उसका इंतजार करता हूँ मैं ।।

अँधेरे में अपने भी भूल जाते हैं,
सभी को इंतजार है रोशनी का ।
हमारे दर पे जो हुआ उजाला,
उसे याद आने लगे वो पुरानी दोस्ती का ।।

जो नमकहराम की तरह हमारी,
नमकहरामी किया करते थे,
आज नमकहलाल बनने का,
वो ढ़ोंग किया करते हैं ।
उसे शायद लगने लगा है कि,
मेरा इंतजार अब बड़े लोग किया करते हैं ।।

कवि – मनमोहन कृष्ण
तारीख – 07/06/2021
समय – 09 : 07 (सुबह)
संपर्क – 9065388391

Language: Hindi
247 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
शायद ...
शायद ...
हिमांशु Kulshrestha
******जय श्री खाटूश्याम जी की*******
******जय श्री खाटूश्याम जी की*******
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
3098.*पूर्णिका*
3098.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
वसंत - फाग का राग है
वसंत - फाग का राग है
Atul "Krishn"
छोटे बच्चों की ऊँची आवाज़ को माँ -बाप नज़रअंदाज़ कर देते हैं पर
छोटे बच्चों की ऊँची आवाज़ को माँ -बाप नज़रअंदाज़ कर देते हैं पर
DrLakshman Jha Parimal
जब मां भारत के सड़कों पर निकलता हूं और उस पर जो हमे भयानक गड
जब मां भारत के सड़कों पर निकलता हूं और उस पर जो हमे भयानक गड
Rj Anand Prajapati
पैसा सौगात के नाम पर बंटे
पैसा सौगात के नाम पर बंटे
*Author प्रणय प्रभात*
मोबाइल
मोबाइल
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
किंकर्तव्यविमूढ़
किंकर्तव्यविमूढ़
Shyam Sundar Subramanian
कुछ तो बाकी है !
कुछ तो बाकी है !
Akash Yadav
भूखे हैं कुछ लोग !
भूखे हैं कुछ लोग !
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
जब होंगे हम जुदा तो
जब होंगे हम जुदा तो
gurudeenverma198
मुझे लगता था
मुझे लगता था
ruby kumari
12, कैसे कैसे इन्सान
12, कैसे कैसे इन्सान
Dr Shweta sood
क्या होगा कोई ऐसा जहां, माया ने रचा ना हो खेल जहां,
क्या होगा कोई ऐसा जहां, माया ने रचा ना हो खेल जहां,
Manisha Manjari
बालगीत - सर्दी आई
बालगीत - सर्दी आई
Kanchan Khanna
हंसगति
हंसगति
डॉ.सीमा अग्रवाल
'विडम्बना'
'विडम्बना'
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
* धरा पर खिलखिलाती *
* धरा पर खिलखिलाती *
surenderpal vaidya
हो गई तो हो गई ,बात होनी तो हो गई
हो गई तो हो गई ,बात होनी तो हो गई
गुप्तरत्न
ईद मुबारक
ईद मुबारक
Satish Srijan
घे वेध भविष्याचा ,
घे वेध भविष्याचा ,
Mr.Aksharjeet
*चरण पादुका भरत उठाए (कुछ चौपाइयॉं)*
*चरण पादुका भरत उठाए (कुछ चौपाइयॉं)*
Ravi Prakash
मुक्तक
मुक्तक
प्रीतम श्रावस्तवी
यही सच है कि हासिल ज़िंदगी का
यही सच है कि हासिल ज़िंदगी का
Neeraj Naveed
विधा - गीत
विधा - गीत
Harminder Kaur
ग़ज़ल/नज़्म - हुस्न से तू तकरार ना कर
ग़ज़ल/नज़्म - हुस्न से तू तकरार ना कर
अनिल कुमार
बेड़ियाँ
बेड़ियाँ
Shaily
भारत का लाल
भारत का लाल
Aman Sinha
सुना है सपनों की हाट लगी है , चलो कोई उम्मीद खरीदें,
सुना है सपनों की हाट लगी है , चलो कोई उम्मीद खरीदें,
Manju sagar
Loading...