#सवा लाख से एक लड़ाऊं
🔥 #सवा लाख से एक लड़ाऊं 🔥
7 दिसम्बर 1705 को पंडित किरपाराम दत्त अपने सातों पुत्रों के साथ, पंडित अजय भट्ट और बाकी कश्मीरी हिन्दू योद्धा गुरु गोबिंद सिंह के परिवार की रक्षा करते हुए चमकौर के किले में बलिदान हुए!
(किसी से इसका जिक्र सुना??? किसी 2% वाले ने पोस्ट की कभी??)
जब गुरु ने वहाँ रह के जँग लड़ने की ज़िद की तो किरपाराम ने उन्हें याद दिलाया कि गुरु के 5 प्यारे गुरु को हुकुम दे सकते हैं और उनका हुक्म ये था कि आप यहाँ से सुरक्षित निकल जाइये, ताकि आगे के लिए हमारी जँग जारी रहे।
गुरु गोबिंदसिंह के पिता से किये हुए वादे अनुसार समस्त कश्मीरी हिन्दू योद्धा जंग में खेत रहे और गुरु को पीछे से निकल जाने का वक़्त मिल सका! जो नकली लोग आज हमें हर वक़्त कश्मीरी हिन्दुओं का तेगबहादुर के पास आने की बात सुनाते हैं, उनके मुँह पर मारिये ये तथ्य!! हमारा एक-एक बुज़ुर्ग खेत रहा, किसी ने पीठ नहीं दिखाई। किसी ने धर्म नहीं हारा, किसी ने हथियार नहीं डाले, कोई मैदान छोड़ कर नहीं भागा, किसी ने गद्दारी नहीं की!!!
ये होता है सवा लाख से एक लड़ाना!!
हमारे बुजुर्गों के बहे लहू की वजह से ही हम आज हिन्दू हैं। उनके पुरुषार्थ और टुकडे-टुकड़े हो कर मातृभूमि पर बलिदान होने की अमर इच्छा ही वो अग्नि है जो हमें रात-दिन हमारा कर्तव्य याद करवाती है!!
#महादेव की जय !
#जय मोहयाल !