सवाल
कुछ सवाल
बिन जवाब घुट कर ही मर जाते हैं
कुछ सवाल
बस मन में ही रह जाते हैं
कुछ सवाल पूछने से पहले
डर लगता है न समझे जाने का।
कुछ सवाल ऐसे भी
जो काम करते हैं पागल ठहराने का।
कुछ सवाल
हँसी का पात्र बन जाते हैं।
कुछ सवाल
क्रोध की अग्नि में जल जाते हैं।
कुछ सवालों को पूछने का
सवाल ही पैदा नहीं होता।
कुछ सवालों के लिए
सही समय नहीं होता।
कुछ सवालों के जवाब
हर कोई दे नहीं पाता।
कुछ सवालों का जवाब
सदियों तक मिल नहीं पाता।
कुछ सवाल हम
स्वयं से ही कर लेते हैं।
कुछ सवाल स्वयं को ही
निरर्थक से लगते हैं।
इधर-उधर यहाँ-वहाँ हर तरफ
‘कुछ’ नहीं, अनगिनत सवाल है।
जवाब मिले या न मिले
ये विचारों का मायाजाल है।
जवाब को खोजने में
पड़ सकते अनेक व्यवधान है।
पर सवालों में ही छिपा
हर समस्याओं का समाधान है।