Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 May 2024 · 1 min read

सवाल क्यों

तुमने ही तो कहा था
हम एक है।
फिर इतना बवाल क्यों?
मेरी चुप्पी पर भला अब
तुम्हारा सवाल क्यों?

मैं खुले में चलूं तो
बदचलन हो जाती हूं।
और तुम चलो तो
मर्द हो जाते हो।
एक ही माटी के दो अंश
फिर ये अंतराल क्यों?

तुमने ही तो कहा था
हम एक है।
फिर इतना बवाल क्यों?
मेरी चुप्पी पर भला अब
तुम्हारा सवाल क्यों?

भले ही स्त्री हूं मैं
पर पहले इंसान हूं मैं।
पत्नी, माँ,बहन रूप में
सृष्टि की पहचान हूं मैं।
हर समय मेरी ही अस्मत
से खिलवाड़ क्यों?

तुमने ही तो कहा था
हम एक है।
फिर इतना बवाल क्यों?
मेरी चुप्पी पर भला अब
तुम्हारा सवाल क्यों?

जरा सा खुलकर जी लो तो
मर्दों की शान फीकी हो जाती है।
सारा दोष औरत पर मढ दिया जाता हैं।
चरित्र ढीला है खुद मर्द का
पर औरत का गढ़ दिया जाता है।
फिर से स्त्री हलाल क्यों?

तुमने ही तो कहा था
हम एक है।
फिर इतना बवाल क्यों?
मेरी चुप्पी पर भला अब
तुम्हारा सवाल क्यों?

Language: Hindi
87 Views

You may also like these posts

आज  कई  परेशानियों से घिरा हुआ इंसान।
आज कई परेशानियों से घिरा हुआ इंसान।
Ajit Kumar "Karn"
ग़रीबी भरे बाजार मे पुरुष को नंगा कर देती है
ग़रीबी भरे बाजार मे पुरुष को नंगा कर देती है
शेखर सिंह
सदविचार
सदविचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
4064.💐 *पूर्णिका* 💐
4064.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
कुछ बेशकीमती छूट गया हैं तुम्हारा, वो तुम्हें लौटाना चाहता हूँ !
कुछ बेशकीमती छूट गया हैं तुम्हारा, वो तुम्हें लौटाना चाहता हूँ !
The_dk_poetry
आने वाले कल का ना इतना इंतजार करो ,
आने वाले कल का ना इतना इंतजार करो ,
Neerja Sharma
*अहंकार*
*अहंकार*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
modernnotioncom
modernnotioncom
modernnotioncom
साहिल के समंदर दरिया मौज,
साहिल के समंदर दरिया मौज,
Sahil Ahmad
हरे कृष्णा !
हरे कृष्णा !
MUSKAAN YADAV
माँ
माँ
अनिल मिश्र
कुछ तो बदल रहा है
कुछ तो बदल रहा है
Sudhir srivastava
लोकसभा बसंती चोला,
लोकसभा बसंती चोला,
SPK Sachin Lodhi
सहसा यूं अचानक आंधियां उठती तो हैं अविरत,
सहसा यूं अचानक आंधियां उठती तो हैं अविरत,
Abhishek Soni
अस्तित्व
अस्तित्व
Shyam Sundar Subramanian
"मंज़र बर्बादी का"
ओसमणी साहू 'ओश'
"मैं और तू"
Dr. Kishan tandon kranti
*इस बरस*
*इस बरस*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
स्वतंत्रता आन्दोलन में महिलाओं का योगदान
स्वतंत्रता आन्दोलन में महिलाओं का योगदान
Dr.Pratibha Prakash
असली खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है।
असली खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है।
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
जातीय गणना।
जातीय गणना।
Acharya Rama Nand Mandal
चाहत ए मोहब्बत में हम सभी मिलते हैं।
चाहत ए मोहब्बत में हम सभी मिलते हैं।
Neeraj Agarwal
मुक्तक
मुक्तक
Neelofar Khan
कुछ अर्जियां डाली हैं हमने गम खरीदने को,
कुछ अर्जियां डाली हैं हमने गम खरीदने को,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कर्मफल
कर्मफल
Rambali Mishra
पहली बारिश..!
पहली बारिश..!
Niharika Verma
भावों की अभिव्यक्ति का
भावों की अभिव्यक्ति का
Dr fauzia Naseem shad
*माँ सरस्वती जी*
*माँ सरस्वती जी*
Rituraj shivem verma
चैत्र शुक्ल प्रतिपदा
चैत्र शुक्ल प्रतिपदा
Raju Gajbhiye
हे देश मेरे
हे देश मेरे
Satish Srijan
Loading...