सवाल कर
सवाल कर, उंगलियां उठें तो उठें,
सवाल कर, आंखें लाल दिखायें तो दिखायें,
सवाल कर, तेरी नियत पर शक हो तो हो,
सवाल कर, तेरी इज्जत की धज्जियां उड़े तो उड़े,
सवाल कर, तेरी सर पर तलवार लटके तो लटके,
सवालों के शोर से होती हैं क्रांतियां,
सवालों के बवाल से बदलती हैं नीतियां,
हर सवाल है इक ज़लज़ला, तूफान और सैलाब,
सवाल है तो मुमकिन है हर बदलाव,
चुप्पी की जंजीरों को तोड़,
उठा शमशीर सवालों का,
कर बुलंद अपनी आवाज को।