सवाल उठाएं
ज़वाब मिले या न मिले,
सवाल करते रहिए!
समझदारी के साथ ही
मज़ाल करते रहिए!!
अगर हक़ पर बन आए तो
चुपचाप बैठना ठीक नहीं,
इंसाफ़ के लिए खुलेआम
बवाल करते रहिए!!
ज़वाब मिले या न मिले,
सवाल करते रहिए!
समझदारी के साथ ही
मज़ाल करते रहिए!!
अगर हक़ पर बन आए तो
चुपचाप बैठना ठीक नहीं,
इंसाफ़ के लिए खुलेआम
बवाल करते रहिए!!