सलाम बता दिया
मैंने उन्हें सर झुकाकर मेरा सलाम बता दिया..
हाल-ए-दिल उनको अपना तमाम बता दिया..
किसीने मुझसे पूछा,
उसके होठ कैसे है…..??????
मैंने मुस्कुराकर मय-ए-जाम बता दिया…….
किसीने मुझसे पूछा,
उसके गाल कैसे है…..??????
मैंने हँसकर बस सुर्ख-ए-गुलाल बता दिया….
किसीने मुझसे पूछा,
कैसा दिखता है वो…..??????
मैंने सच में शहजादा-ए-जहां बता दिया…….
किसीने मुझसे पूछा,
कब होगी उससे मुलाकात….????
मैंने चुपचाप कयामत-ए-रात बता दिया……
किसीने मुझसे पूछा
वो तुम्हे इतना तड़पाते क्यो है…????
मैंने बस मोहब्बत-ए-इंतकाम बता दिया…..
मैंने उससे पूछा
नफरत है तुम्हे किससे……??????
“उस जालिम ने देखो “मलिक” का ही नाम बता दिया………….!!!!!!!!!!
सुषमा मलिक,
रोहतक (हरियाणा)