सर पे सूरज खडा है चल उठजा
सर पे सूरज खडा है चल उठजा
“काम बाकी पडा है चल उठजा
तुझको दुनिया फतह करनी है
ये तकाज़ा बडा है चल उठजा
जिस्म कहता है यार सोने दे
और दिल ने कहा है चल उठजा
ख़ैर की बात है ये समझा कर
मशवरा ‘मशवरा’ है चल उठजा
रूह तक धूप आ गयी मेरी
खाव्ब कहने लगा है चल उठजा
– नासिर राव