सर्वश्रेष्ठ
सर्वश्रेष्ठ…………….
यू.पी.एस.सी. परीक्षा में महिलाओं ने फिर गाडे झंडे,,
और युवकों के हाथ लगे तो बस मोबाइल के फंडे।
आत्म सम्मान की जमानत जप्त है,
और युवक बेचारे मोबाइल को चार्ज करने में व्यस्त हैं।।
क्या यही चाहता है आज का युवक?
आड़ी, तिरछी बालों में दरार लिए,
भविष्य की खाईयों से अनभिज्ञ अनजान,
प्रोटीन का डब्बा हाथ में लिए,
कर्तव्यों से दूर, रास्तों से अनजान।।
क्या यही चाहता है आज का युवक?
सुडौल शरीर की चाह रखता,
जिम में जाकर हड्डियों को तोड़ता,
बिना मेहनत सफलता की चाह रखता,
सबकी नजर में आने को दौड़ता है।।
क्या यही चाहता है आज का युवक?
गर्भ से निकले नहीं, और
शराब, सिगरेट के नशे में चूर हैं,
दूध के दांत टूटे नहीं, और
प्यार का कोर्स भी फुल है।।
आज के नौजवान का क्या यही सच है?
दौड़ लगी है यहां पैरों से, दिमाग से,
पर युवक आज भी खोखली कल्पना में सिकुड़ कर सोया है।।
बच्चे देश का भविष्य है’ क्या यही सच है?
फैसला यह तुम्हारा दिल से, दिमाग से,
डर कर मरो या डट कर लड़ो, यही जिंदगी का फार्मूला है।।
पता नहीं मेरे देश का युवक कहां खोया है,
सर्वश्रेष्ट बनने की होड़ में बिना कतार ही क्यूं खड़ा है?
कोई यहां हराने के लिए दौड़ रहा है,
कोई खुद से दूर जाने के लिए दौड़ रहा है,
कोई मेहनत कर, बिना थके, लक्ष्य की ओर दौड़ रहा है,
कोई परीक्षण कर, नई खोज करने के लिए दौड़ रहा है।।
श्रृंखला में कतारबद्ध, अग्रसर होना होगा,
आलस्य को भगा, शरीर को थकाना होगा,
पूरा जोर लगा, हरदम जोश में रहना होगा,
जोखिम उठा, सर्वश्रेष्ठ की लो में तपना होगा।।
।।सीमा टेलर।छिम्पियांन लम्बोर।चूरु।राजस्थान।।