Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Feb 2024 · 1 min read

सर्वशक्तिमान से निकटता

प्रभु से परायण
उद्धार कर देता है
मृत्युरूपी संसार-सागर से
वह तो परम प्राप्य है
योग है
चित्त की स्थिरता
न होने पर
निष्ठावान कराता है
अभ्यासयोग.

संभव है
अभ्यासयोग परे हो
सामथ्र्य से
ऐसे में सुलभ है
एक और मार्ग
कर्म परायण का मार्ग
इन सब में असमर्थ होने पर
‘भक्ति योग’ तो है ही
प्रभु से परायण के लिए.

द्वेष न करने वाला
दयाभाव से युक्त
अहंकार से रहित
भक्ति योग का ऐसा साधक
क्षमाशील प्राणी
कैसे प्रिय नहीं होगा
मेरा
वह तो सन्तुष्ट है
मन की वृत्तियाँ
वश में हैं उसकी
और है दृढ़निश्चयी
अपेक्षा से, व्यथा से रहित
भक्ति योग का साधक
मेरा भक्त ही तो है.

Language: Hindi
1 Like · 72 Views
Books from डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
View all

You may also like these posts

जगमग जगमग दीप जलें, तेरे इन दो नैनों में....!
जगमग जगमग दीप जलें, तेरे इन दो नैनों में....!
singh kunwar sarvendra vikram
आपकी आत्मचेतना और आत्मविश्वास ही आपको सबसे अधिक प्रेरित करने
आपकी आत्मचेतना और आत्मविश्वास ही आपको सबसे अधिक प्रेरित करने
Neelam Sharma
क्या  होता  है  नजराना  तुम क्या जानो।
क्या होता है नजराना तुम क्या जानो।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
अपने हर
अपने हर
Dr fauzia Naseem shad
प्रेम और युवा
प्रेम और युवा
पूर्वार्थ
मधुमास
मधुमास
Namita Gupta
धर्म बनाम धर्मान्ध
धर्म बनाम धर्मान्ध
Ramswaroop Dinkar
#रामपुर_के_इतिहास_का_स्वर्णिम_पृष्ठ :
#रामपुर_के_इतिहास_का_स्वर्णिम_पृष्ठ :
Ravi Prakash
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
Red Hot Line
Red Hot Line
Poonam Matia
राम सीता लक्ष्मण का सपना
राम सीता लक्ष्मण का सपना
Shashi Mahajan
4303.💐 *पूर्णिका* 💐
4303.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
गुज़र गये वो लम्हे जो तुझे याद किया करते थे।
गुज़र गये वो लम्हे जो तुझे याद किया करते थे।
Phool gufran
"Your Time and Energy
Nikita Gupta
लोग कहते हैं कि प्यार अँधा होता है।
लोग कहते हैं कि प्यार अँधा होता है।
आनंद प्रवीण
कुंडलियां
कुंडलियां
Rambali Mishra
तुम पढ़ो नहीं मेरी रचना  मैं गीत कोई लिख जाऊंगा !
तुम पढ़ो नहीं मेरी रचना मैं गीत कोई लिख जाऊंगा !
DrLakshman Jha Parimal
पश्चिम का सूरज
पश्चिम का सूरज
डॉ० रोहित कौशिक
काहे की विजयदशमी
काहे की विजयदशमी
Satish Srijan
इन तन्हाइयो में तुम्हारी याद आयेगी
इन तन्हाइयो में तुम्हारी याद आयेगी
Ram Krishan Rastogi
लब्ज़ परखने वाले अक्सर,
लब्ज़ परखने वाले अक्सर,
ओसमणी साहू 'ओश'
*कैसे कैसे बोझ*
*कैसे कैसे बोझ*
ABHA PANDEY
दहकता सूरज
दहकता सूरज
Shweta Soni
स्मृति प्रेम की
स्मृति प्रेम की
Dr. Kishan tandon kranti
*ख़ास*..!!
*ख़ास*..!!
Ravi Betulwala
बुझ गयी
बुझ गयी
sushil sarna
अकेलापन
अकेलापन
Neerja Sharma
हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं
हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं
Neeraj Agarwal
इंसान बुरा बनने को मजबूर हो जाता है
इंसान बुरा बनने को मजबूर हो जाता है
jogendar Singh
चाय की प्याली!
चाय की प्याली!
कविता झा ‘गीत’
Loading...