सर्दी रानी की दस्तक
मौसम का रुख बदल रहा है ,
सर्दी रानी अब दस्तक देने लगी ।
कोहरे की चादर से धरती से,
सोंधी सोंधी महक आने लगी ।
गरम कपड़ों और शालों से ,
हमको ये लिपटाने लगी ।
अब दिन में ४-५ बार चाय की ,
तलब हमें जगाने लगी ।
सरसों का साग और मक्की की रोटी ,
गरम गरम गाजर के हलवे का ,
स्वाद मन में जगाने लगी ।
नरम नरम धूप इसकी मन को बहुत भाय ,
धूप में बैठ कर मूंगफली ,गजक ,
और तिल चिक्की खाने को जी ललचाए ।
आहा ! कितना मजा आए जब सर्दी ,
रानी दस्तक दे जाए ।