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27 Dec 2024 · 1 min read

*सर्दी की देखो ऋतु आई (गीत)*

सर्दी की देखो ऋतु आई (गीत)
________________________
सर्दी की देखो ऋतु आई

चिड़ि‌या चुप है कौआ सोता
सुबह देर से दिन है होता
सूरज ने कब शक्ल दिखाई

शाम रोज जल्दी आ जाती
शीत-लहर हड्डियाँ कॅंपाती
स्वेटर ने कब ठंड भगाई

मौसम में फैला सन्नाटा
दिन में भी निकलो तो घाटा
और कहें कैसे हैं भाई
——————————–
रचयिताः रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उ.प्र.) मो. 9997615451

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